Poetries

अगर पियोगे आप छांच,
तो आएगी ना तबीयत पे आँच,
छोटा हो ग्लास तो पियो पांच,
थकान मिटेगी, बढ़ेगा जोश,
छांच है तो है सेहत और है होश,

धूप में जब हो बदन सुस्ताए,
छांच की ठंडक मन को भाए,
खट्टा-मीठा इसका स्वाद दे आराम,
दे तन को राहत, मन को विश्राम।

पेट की ज्वाला बुझाए पल में,
पाचन शक्ति बढ़ाए सरल में,
प्रोबायोटिक्स से है ये भरपूर,
छांच करे आंतों का हर दुखना दूर।

प्यास लगे तो जल से पहले,
छांच पियो, मिट जाए गैले,
दही का सार, सूक्ष्मजीवों का ताज,
छांच है सेहत का परिपूर्ण राज।

नमक, पुदीना डाला थोड़ा जीरा
स्वाद भी बढ़ा, पेट ने भी सराहा,
गर्मी से राहत, ठंडक का एहसास,
छांच बने हर मौसम का ख़ास।

दिल को सुकून, मन को राहत,
छोटी-सी छांच की है ये ताकत,
सेहत का साथी, स्वाद का मेल,
छांच से जुड़े हैं कितने ही खेल।

तो रोज़ सुबह शाम पियो एक गिलास,
छांच से बढ़ेगा सेहत का विश्वास,
प्राकृतिक अमृत का प्याला है,
छांच में सुख-शांति का ज्वाला है।